14 साल बाद हरभजन सिंह ने दी थप्पड़ कांड पर प्रतिक्रिया, महसूस की शर्मिंदगी

 

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14 साल के बाद टर्बोनेटर कहलाने वाले हरभजन सिंह ने लंबे इंतजार के बाद ग्लांस लाइव फेस्ट शो मे थप्पड़ कांड को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह अपनी इस गलती को सुधारना चाहेंगे। हरभजन सिंह को यह नाम ऑस्ट्रेलियाई टीम की तरफ से मिला। जिसका अर्थ निकाला जाए तो होता है टर्मिनेटर अर्थात तहस-नहस करने वाला। हरभजन सिंह पगड़ी पहनते हैं और जबर्दस्त गेंदबाजी करते हैं इसी वजह से उनको यह नाम दिया गया है।

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इंडियन प्रीमियर लीग 2008 का पहला सीजन ब्रैंडन मैकुलम की तूफानी पारी के लिए बहुत ही चर्चित रहा। इसके अलावा एक बहुत ही हैरान करने वाली चीज इस मुकाबले के दौरान हुई जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। वह था हरभजन सिंह का बीच मैदान एस श्रीसंत को थप्पड़ मारना। घटना को देखकर सभी हैरान रह गए इतने लंबे समय के अंतराल के बाद हरभजन सिंह ने उस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शर्मिंदगी महसूस की और कहा कि यह वाकई बहुत गलत था। मुझे मौका मिला तो मैं अपनी गलती को सुधारना चाहूंगा। उस मुकाबले में हरभजन सिंह सचिन तेंदुलकर की गैरमौजूदगी में मुंबई इंडियंस की टीम का संचालन कर रहे थे।

शनिवार को दोनों ही खिलाड़ी ग्लांस लाइव फेस्ट के एक चैट शो में उपस्थित हुए। श्रीसंत के सामने ही हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि,

‘ घटना को लेकर उन्हें आज भी बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। जो उन्होंने किया वह बहुत ही गलत था, जिसको कभी नहीं होना चाहिए था। मेरी एक गलती की वजह से टीम के एक साथी को शर्मिंदगी का आभास करना पड़ा। जब मैं इस बारे में सोचता हूं, तो मुझे लगता है कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। मुझे मेरी गलती को अब सुधार लेना चाहिए।मौका मिला तो मैं अवश्य ही ऐसा करूंगा।’

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इस घटना के 3 साल बाद दोनों क्रिकेटरों ने 2011 के वर्ल्ड कप मे एक साथ भाग लिया। दोनों ही भारतीय टीम का हिस्सा बने। हरभजन सिंह ने भारत के लिए 367 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 711 विकेट हासिल किए हैं जबकि श्रीसंत ने 90 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में 169 विकेट हासिल करने का कार्य किया है।

श्रीसंत इस घटना को लेकर पहले ही अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। कुछ दिन पहले ही इस घटना पर चर्चा करते हुए श्रीसंत ने बताया था कि इन दोनों के बीच सुलह करवाने का कार्य सचिन तेंदुलकर ने किया था। उन्होंने कहा कि यह सब ठीक हो गया था। इसके लिए सचिन पाजी का धन्यवाद, सचिन ने हमें समझाते हुए कहा था कि आप दोनों एक ही टीम का हिस्सा हो। मैंने कहा बिल्कुल ठीक है मैं उनसे जाकर मिल लूंगा। हम उसी रात को मिले और खाना खाया लेकिन मीडिया ने हमारी इस मुलाकात को एक अलग रूप दे दिया और घटना को तोड़ तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।


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