सौरव गांगुली और जय शाह के ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ को बढ़ाने के लिए BCCI ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

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बोर्ड ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए बोर्ड से एक अपील की थी कि BCCI बोर्ड में अध्यक्ष पद सचिव पद और अन्य अधिकारियों के कूलिंग ऑफ पीरियड को बढ़ाया जाए। इसके लिए बोर्ड के पदों से जुड़े हुए नियमों में संशोधन करने की अपील की।

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड को लेकर एक बड़ा मामला संज्ञान में आया है। दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो जाएगा। ऐसे में बोर्ड ने कूलिंग ऑफ पीरियड (कार्यकाल खत्म होने से लेकर नई प्रक्रिया पूरी होने तक) बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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BCCI ने अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि नियमों के संशोधन में जो बदलाव के लिए याचिका दायर की गई है उस पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। बोर्ड की इस अपील पर चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा है कि वह देखते हैं कि इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है या नहीं।


बोर्ड ने 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें BCCI ने बोर्ड से जुड़े संविधान में संशोधन की अपील की थी। इस याचिका में बोर्ड ने अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारियों के कूलिंग ऑफ पीरियड को बढ़ाने की मांग की थी। साथ ही कई अन्य नियमों में बदलाव की भी अपील की थी।


गांगुली और जय शाह के द्वारा अक्टूबर 2019 में बोर्ड के पदों पर कार्यभार संभाला गया था। दोनों ही पदों का कार्यकाल 3 साल के लिए होता है। ऐसे में सितंबर 2022 में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यही वजह है कि बीसीसीआई चाहता है कि इस मामले की सुनवाई को जल्द से जल्द निपटाया जाए। बोर्ड की तरफ से अभी भी यह मामला लंबित है। बोर्ड की ओर से आगे की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गई है।

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