किसी भी खेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए निष्पक्ष अंपायरिंग जरूरी है। क्रिकेट का खेल भी इससे अछूता नहीं है, इस खेल में भी अंपायर अहम भूमिका निभाते है। हालांकि, अब बहुत सी टेक्नोलॉजी आ गई है, जिसने अंपायरिंग को आसन बना दिया। इसके बावजूद सही फैसला अंपायर के विवेक पर निर्भर करता है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अंपायरिंग का स्तर बढ़ाने के लिए इन दिनों लगातार काम कर रहा है। वह कई स्तरों पर टेस्ट लेकर अंपायरों को तैयार करता है। इसी क्रम में उनसे एक टेस्ट का आयोजन किया। यह टेस्ट महिला और जूनियर मैचों (ग्रुप-डी) में अंपायर बनने के लिए था। राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायर बनने के लिए यह पहली सीढ़ी मानी जाती है। BCCI के इस टेस्ट में 140 में से सिर्फ 3 अंपायर ही पास हो पाए हैं।
200 अंकों की इस परीक्षा के लिए कट ऑफ 90 अंक रखा गया था। 200 अंकों में 100 अंक लिखित परीक्षा, 35 अंक मौखिक और विडियो जबकि 30 अंक फिजिकल के थे। बोर्ड ने कोरोना महामारी के बाद पहली बार फिजिकल टेस्ट भी शामिल किया। विडियो टेस्ट में मैच के फुटेज और विशिष्ट परिस्थितियों से जुड़े सवाल किए गए।
परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ मजेदार सवाल और उसके जवाब
प्रश्न: अगर पवेलियन के किसी हिस्से की परछाई, पेड़ या फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी की परछाई पिच पर पड़ती है तो बल्लेबाज उसकी शिकायत करते हैं तो आप क्या करेंगे?
उत्तर: पेड़ या पवेलियन की परछाई को संज्ञान में नहीं लिया जा सकता है। जहां तक फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी की बात है तो उसे स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है, नहीं तो अंपायर के पास गेंद को डेड बॉल करार देने का भी अधिकार है।
प्रश्न: गेंदबाज को चोट लगी है और उसके हाथ में पट्टी/टेप बंधी है। अगर आपको लगता है कि उसकी चोट सही है और अगर पट्टी हटाता है तो खून निकलेगा तो क्या आप उसे पट्टी लगाकर गेंदबाजी करने की इजाजत देंगे?
उत्तर: किसी भी हाल में गेंदबाजी करने के लिए गेंदबाज को पट्टी हटाना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो गेंदबाजी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
प्रश्न: एक सही गेंद पर बल्लेबाज ने शॉट खेला। गेंद शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी के हेलमेट में अटक गई। गेंद के कारण हेलमेट गिर गया, लेकिन गेंद को जमीन पर गिरने से पहले फील्डर ने कैच कर लिया तो क्या आप बल्लेबाज को आउट देंगे?
उत्तर: नहीं, बल्लेबाज नॉट आउट होगा।
बोर्ड ने परीक्षा को लेकर क्या कहा?
बोर्ड के एक अधिकारी ने एक वेबसाइट से बातचीत में बताया, ”यह परीक्षा केवल खेल के नियमों को लेकर नहीं था। यह इस बारे में था कि वह लाइव मैच के दौरान किसी परिस्थिति में किस तरह से फैसला लेंगे। यह परीक्षा मुश्किल थी, लेकिन हम गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकते हैं। अगर आप राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे अंपायरिंग करना चाहते हैं तो गलती की कोई जगह नहीं हो सकती है। आपको खेल की समझ और नियमों का पूरा ज्ञान होना चाहिए।”