इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन ने आज इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी पिछले कुछ दिनों से उनके सन्यास को लेकर काफी खबरें सामने आ रही थी। आज उन्होंने सभी खबरों पर विराम देते हुए, उनको सच साबित करते हुए 28 जून को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। मॉर्गन लगातार अपनी खराब फॉर्म और चोट के कारण खराब स्थिति से जूझ रहे थे। वो टीम से बाहर होने की परिस्थितियों में पहुंच चुके थे। अंत में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी।
इयोन मॉर्गन (Eoin Morgan) एक विस्फोटक बल्लेबाज होने के साथ ही कुशल कप्तान की छवि के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने अपने नेतृत्व में इंग्लैंड क्रिकेट टीम की शक्ल सूरत को बदल कर रख दिया था। यही नतीजा था कि लंबे समय से आईसीसी विश्वकप की ट्रॉफी के लिए तरसने वाली इंग्लिश टीम ने उनकी अगुवाई में साल 2019 में खिताब हासिल किया। इयोन मॉर्गन सफेद गेंद के खेल में इंग्लैंड के सबसे सफलतम कप्तान है, सन्यास की सूचना साझा करते हुए उन्होंने कहा,
“क्रिकेट को अलविदा कहना मेरे लिए आसान फैसला नहीं था, लेकिन अब यही सही समय है”
इंग्लैंड क्रिकेट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। मोर्गन ने अपने रिटायरमेंट पर कहा कि,
‘मैंने जो हासिल किया है, उस पर मुझे बहुत गर्व है, लेकिन जो मैं सबसे ज्यादा संजो कर रखूंगा और सबसे ज्यादा याद रखूंगा, वे यादें हैं जिन्हें मैंने कुछ सबसे महान लोगों के साथ बनाया है जिन्हें मैं जानता हूं। बता दें कि मोर्गन साल 2019 के वर्ल्ड कप के बाद से फॉर्म से बाहर थे, ऐसे में टीम में उनके बने रहने पर काफी सवाल भी खड़े हो रहे थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2019 वर्ल्ड कप के बाद से मॉर्गन केवल एक शतक ही लगा पाए हैं। पिछले 3 साल से इंग्लैंड के कप्तान का बल्ला पुरी तरह से खामोश हैं। यही नहीं मॉर्गन के बाद इंग्लैंड टीम के लिए छोटे फॉर्मेट में कप्तानी का भार जोस बटलर को भी दिया जा सकता है।
बता दें कि 2015 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड का परफॉर्मेंस बेहद ही खराब रहा था। इसके बाद मॉर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड ने छोटे फॉर्मेट में शानदार वापसी की और आखिर में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप का विजेता बना। छोटे फॉर्मेट में इंग्लैंड की जबरदस्त वापसी का श्रेय भी मॉर्गन को ही जाता है।
इंग्लैंड के कप्तान मॉर्गन ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत आयरलैंड की टीम के साथ खेलकर की थी। आयरलैंड के बाद मॉर्गन ने इंग्लैंड क्रिकेट के लिए डेब्यू किया। इंग्लैंड के लिए उन्होंने 225 वनडे मैच खेले और साथ ही 115 टी-20 इंटरनेशनल मैच भी खेले हैं।
वैसे पूरे करियर की बात की जाए तो मॉर्गन ने वनडे में 248 मैच खेलकर 7701 रन बनाए तो वहीं वनडे करियर में उनके नाम 14 शतक और 47 अर्धशतक शामिल है। टी-20 इंटरनेशनल में 2458 रन मॉर्गन के नाम दर्ज है। इयोन अपने करियर में हमेशा से छोटे फॉर्मेट के खिलाड़ी रहे हैं, यही कारण है कि उन्होंने 16 टेस्ट मैच ही अपने करियर में खेले।
इयोन मॉर्गन (Eoin Morgan) की अगुवाई में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने साल 2019 अपना इकलौता विश्वकप हासिल किया था, खेल के छोटे प्रारूपों में मॉर्गन के नेतृत्व की सराहना हमेशा से ही की जाती रही है और उनकी सफलता आंकड़ों से भी साफ नजर आती है। उन्होंने 72 टी20 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी करते हुए 42 में जीत हासिल की थी, वनडे फॉर्मेट की बात की जाए तो मॉर्गन ने 126 एकदिवसीय मैचों में कप्तानी कर 76 मुकाबलों में जीत अपने नाम की थी। उनक करियर का सबसे सुनहरा पल विश्वकप विजय ही माना जा सकता है।
इयोन मॉर्गन (Eoin Morgan) क्रिकेट की दुनिया के उन वाहिद खिलाड़ियों में से है जिन्होंने 2 देशों का इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया है, साल 2006 में उन्होंने आयरलैंड की टीम का हिस्सा होते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था, इसके बाद साल 2009 में उन्हें इंग्लैंड की ओर तीनों फॉर्मेट में जगह दी गई थी।
आयरलैंड के लिए मॉर्गन ने 23 वनडे मैचों में 744 रन बनाए थे, वहीं इंग्लैंड की ओर से उन्होंने 225 वनडे मैच खेलते हुए 6957 रन बनाए। आपको बता दें कि वनडे मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा 17 छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी इसी खिलाड़ी के नाम दर्ज है।