भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ के लिए 23 जून का दिन बहुत ही खास है। राहुल द्रविड़ ने अपना टेस्ट डेब्यू वैसे तो सौरव गांगुली के साथ 20 जून 1996 को लॉर्ड्स में किया था लेकिन 23 जून वह तारीख है जिस दिन उन्हें मायूसी का शिकार होना पड़ा था। टेस्ट के चौथे दिन डेब्यू पर शतक जड़ने से महज 5 रन से पीछे रह गए थे।
टेस्ट क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों की गिनती में शामिल होने वाले राहुल द्रविड़ ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने बहुत ही शानदार पारी की शुरुआत की, लेकिन नतीजे उनके लिए मायूस कर देने वाले रहे। राहुल द्रविड़ ने 20 जून, 1996 को इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में डेब्यू किया था। यह पूर्व भारतीय कप्तान और BCCI के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली का भी पहला टेस्ट था। लेकिन, इस टेस्ट का चौथा दिन यानी 23 जून द्रविड़ के लिए मायूस करने वाला रहा। दरअसल, यही वो तारीख थी, जिस दिन द्रविड़ अपने डेब्यू टेस्ट में शतक ठोककर इतिहास रचने से महल 5 रन दूर रह गए थे।
भारतीय टीम 1996 में इंग्लैंड के दौरे पर रवाना हुई और 20 जून से लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच खेला गया। जो ड्रा रहा था। इंग्लैंड ने इस मुकाबले में पहली पारी के दौरान 344 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने शानदार शुरुआत करते हुए सौरव गांगुली ने 131 और राहुल द्रविड़ ने 95 रनों की पारी के साथ शुरुआत की। दोनों ने 429 रन बनाए। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 278/9 के स्कोर पर घोषित की। यह टेस्ट का आखिरी दिन था और इसके साथ ही मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया।
ड्रा टेस्ट में भारत की पहली पारी में राहुल द्रविड़ को निराशा का सामना करना पड़ा। वह डेब्यु टेस्ट में सिर्फ 5 रन से शतक बनाने से चूक गए। यह टेस्ट का चौथा दिन था और तारीख थी 23 जून। आज ही के दिन राहुल द्रविड़ को इस निराशाजनक दौर से गुजरना पड़ा था। द्रविड़ की पारी का अंत इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस लुइस ने किया। उन्होंने पहली पारी में द्रविड़ के अलावा सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया को भी आउट किया था। लेकिन, द्रविड़ को सबसे बड़ा जख्म मिला। द्रविड़ ने 95 रन की पारी के दौरान 6 घंटे बल्लेबाजी की थी और 267 गेंदों का सामना करते हुए 6 चौकों की मदद से 95 रन बनाए थे।
राहुल द्रविड़ डेब्यु टेस्ट में भले ही शतक लगाने से पीछे रह गए हो लेकिन जब उन्होंने अपना करियर खत्म किया तो, उनके नाम 36 शतक और 63 अर्धशतक थे। उन्होंने 164 टेस्ट में 52 से अधिक के औसत से 13288 रन बनाए। टेस्ट के साथ वनडे में भी उन्होंने 10 हजार से अधिक रन बनाए। वनडे में भी उन्होंने 12 शतक और 83 अर्धशतक लगाए।