टीम इंडिया को 18 अगस्त से जिम्बाब्वे के खिलाफ 3 मैचों की वनडे इंटरनेशनल सीरीज खेलनी है। इस मुकाबले के लिए भारतीय टीम को जीत का प्रबल दावेदार समझा जा रहा है। लेकिन टीम के लिए जीत की राह इतनी आसान नहीं है।
केएल राहुल की अगुवाई में टीम इंडिया जिम्बाब्वे के खिलाफ 18 से 22 अगस्त के बीच 3 मैचों की वनडे इंटरनेशनल सीरीज खेलनी है। सभी मैच हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेले जाने हैं। भारतीय टीम एक मजबूत टीम है जिसकी वजह से उसे जीत का प्रबल दावेदार माना गया है। जिंबाब्वे टीम को कमजोर समझना सही नहीं है। हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ जिंबाब्वे टीम का बेहतरीन प्रदर्शन रहा है जिसे देख कर भारतीय टीम को कांटे की टक्कर मिलने वाली है।
जिम्बाब्वे टीम के मैचविनर खिलाड़ी:
जिम्बाब्वे को एक कमजोर टीम के रूप में आका जाता है। लेकिन जिंबाब्वे टीम का प्रदर्शन अब बेहतरीन रहा है। इस साल उसने 2016 के बाद पहली बार टी20 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई किया, और फिर बांग्लादेश को टी20 (2-1) और वनडे सीरीज (2-1) में पटखनी दी। बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई सीरीज में जिम्बाब्वे के कई बेहतरीन खिलाड़ी निखर कर सामने आए हैं। जिनमें सिकंदर रजा और रायन बर्ल जैसे कई मैचविनर खिलाड़ी शामिल है। रजा ने इस साल खेले गए 9 वनडे मुकाबलों में 2 शतक और 2 अर्द्धशतक बनाए हैं।
दूसरी तरफ भारतीय टीम के कप्तान के एल राहुल लंबे समय के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं। एशिया कप की तैयारी के मद्देनजर यह सीरीज उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। के एल राहुल का आखिरी मुकाबला मई 2022 में IPL एलिमिनेटर रहा।
शुभमन गिल और शिखर धवन वेस्टइंडीज दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए जिम्बाब्वे आ रहे हैं जहां वे अपनी फॉर्म को बरकरार रखना चाहेंगे। भारत अब पूरी तरह से अक्टूबर में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी में जुट गया है, जो उनके टीम चयन में भी साफ जाहिर है।
युवा खिलाड़ी बिखेरना चाहेंगे अपना रंग :
जिम्बाब्वे भारतीय टीम में कई युवा खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। टीम में कई युवा टी20 विशेषज्ञ भी शामिल है। युवा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में अपनी जगह बनाने के लिए एक बेहतरीन प्रदर्शन के द्वारा दावेदारी पेश करना चाहेंगे।
दीपक चाहर भी उन खिलाड़ियों में से एक है जो चोट के बाद टीम में वापसी कर रहे हैं। राहुल त्रिपाठी और शाहबाज अहमद भी इस सीरीज में अपना इंटरनेशनल डेब्यू कर सकते हैं। दोनों ही खिलाड़ी IPL में अपना लोहा मनवा चुके हैं और इंटरनेशनल क्रिकेट में मिले अवसर को पूरी तरह भुनाना चाहेंगे।
जिम्बाब्वे को कमजोर मानना होगी बेवकूफी
सीरीज के 3 मैच हरारे की पिच पर खेले जाएंगे जो बल्लेबाजों की मददगार है। भारत ने 2013 से इस मैदान में 9 मैच खेले हैं और सभी में जीत दर्ज की है, हालांकि जिम्बाब्वे को इस बार कम आंकना सही नहीं होगा और धवन भी इस बात को स्वीकार चुके हैं।