गुजरात टाइटंस के जीत की वजह
राजस्थान रॉयल्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और गुजरात टाइटंस के सामने 131 रनों का लक्ष्य रखा।
लक्ष्य का पीछा करते हुए गुजरात टाइटंस ने 19 ओवर के अंदर 3 विकेट के नुकसान पर की जीत हासिल कर ली। इस प्रकार हार्दिक पांड्या की कप्तानी में गुजरात ने अपना पहला आईपीएल खिताब हासिल किया।
पूरे आईपीएल सीजन में टीम का धुआंधार प्रदर्शन रहा लेकिन कुछ ऐसे खास कारण है जिनकी बदौलत गुजरात टाइटंस ने चैंपियनशिप हासिल कर पहले सीजन में ही ट्रॉफी अपने नाम किया।
पांड्या की लाजवाब कप्तानी
हार्दिक पांड्या एक अनुभवी ऑलराउंडर खिलाड़ी है। गुजरात टाइटंस के लिए उन्होंने पहली बार कप्तानी की है। हार्दिक पांड्या की कैप्टनसी स्किल्स लोगों को काफी संदेह था, क्योंकि इससे पहले हार्दिक पांड्या को उन्होंने कप्तान के रूप में नहीं देखा था। लेकिन हार्दिक पांड्या ने सभी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए तथा अपने आलोचकों को करारा झटका देते हुए, यह साबित कर दिया कि वह एक बेहतरीन कप्तान है। हार्दिक पांड्या की बेहतरीन कप्तानी की बदौलत इस आईपीएल सीजन में गुजरात केवल चार मैच हारी है। हार्दिक ने अपने टीम के खिलाड़ियों का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। सही जगह पर सही गेंदबाजों का उपयोग किया गया। उन्होंने अपनी पूरी टीम का हौसला बनाए रखा और बड़े आत्मविश्वास के साथ हर मैच को खेला। उनके अंदर एक जबरदस्त लीडरशिप देखने को मिली। टीम के खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा बनाए रखा। उनकी बेहतरीन कप्तानी की बदौलत भविष्य में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाए जाने पर भी चर्चा हो रही है।
टीम में दमदार ऑल राउंडर्स की मौजूदगी
गुजरात टाइटंस की टीम के जीतने का एक मुख्य कारण टीम के अंदर मौजूद ऑलराउंडर भी रहा। हार्दिक पांड्या,राहुल तेवतिया, राशिद खान ऑलराउंडर की भूमिका पर खरे उतरे हैं।
हार्दिक पांड्या ने इस सीजन में 15 मुकाबले खेले जिसमें उन्होंने 487 रन बनाए। हार्दिक पांड्या ने इस टूर्नामेंट में 4 अर्धशतक भी लगाए।
हार्दिक की गेंदबाजी की बात करें तो उन्होंने 8 विकेट अपने नाम किए। राजस्थान रॉयल्स के 3 विकेट लेकर फाइनल मुकाबले में हार्दिक पांड्या ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। राशिद खान ने भी इस मुकाबले में एक महत्वपूर्ण पारी खेली राशिद खान का बल्ला और गेंद दोनों ही चलते रहे दोनों ही चलते रहे। टाइटंस के लिए उन्होंने काफी मूल्यवान रन बनाए। और अपनी आक्रामक गेंदबाजी से 19 विकेट हासिल किए। बतौर बल्लेबाज राहुल तेवतिया ने भी इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। तेवतिया एक मुख्य खिलाड़ी के रूप में उभर कर सामने आए हैं। गुजरात टाइटंस की टीम में हार्दिक पांड्या के साथ-साथ इन खिलाड़ियों का भी अच्छा सहयोग रहा है तभी टीम है खिताब हासिल कर पाई है।
सभी खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन
किसी भी टीम के लिए उसके खिलाड़ियों का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। गुजरात टाइटंस में यह बात अच्छे से देखने को मिली टीम में सभी खिलाड़ियों ने अपना रोल बखूबी निभाते हुए एक जिम्मेदारी पूर्वक टीम को बेहतरीन मुकाम तक ले कर गए। टीम के बल्लेबाज हो चाहे गेंदबाज प्रत्येक खिलाड़ी ने इस जिम्मेदारी को बखूबी समझा कि हमें ट्रॉफी हासिल करनी है। इस प्रकार अच्छे तालमेल के कारण वह कामयाब भी हुए। ओपनर के तौर पर शुभमन गिल ने 16 मैचों में 483 रन बनाए। डेविड मिलर का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा। रिद्धिमान साहा ने भी गुजरात टाइटंस के लिए एक अच्छी शुरुआत दिलाने का काम किया है।
गेंदबाजी में भी गुजरात टाइटंस के जलवे देखने को मिले हैं। मोहम्मद शमी ने 20 और राशिद ने 19 विकेट हासिल किए। आर साईं किशन की घातक स्पिनिंग ने भी बल्लेबाजों को परेशान किया। लॉकी फर्ग्यूसन,अलजारी जोसेफ की तेज तरार गेंदबाजी सबकी पसंदीदा बनी रही। इस प्रकार गेंदबाजी का भी टीम में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मैच चेंजर खिलाड़ियों का होना
गुजरात टाइटंस के पास ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी है जो मैच का रुख मोड़ कर मैच को जीता सकते हैं। शुभ्मन गिल,रिद्धिमान साहा,हार्दिक पांड्या,डेविड मिलर,राहुल तेवतिया, राशिद खान, मोहम्मद शमी, लॉकी फर्ग्यूसन आदि ऐसे ही खिलाड़ी है जो मैच का रुख किसी भी परिस्थितियों में बदल सकते हैं। आईपीएल के 15 वे ऑडिशन में इस टीम को सभी ने बहुत हल्के में आका था। लेकिन चैंपियनशिप जीतकर टीम ने सभी के मुंह पर करारा तमाचा दिया है।
टीम का खुशनुमा माहौल
किसी भी टीम के खिलाड़ियों का मनोबल उस टीम की जीत का एक मुख्य कारण होता है। गुजरात टाइटंस के जबरदस्त प्रदर्शन का एक कारण टीम का माहौल भी रहा है। टीम के कोच गैरी क्रिस्टन और आशीष नेहरा ने माहौल को एकदम अच्छा और शांत बनाए रखा। किसी भी प्रकार की टेंशन ड्रेसिंग रूम तक नहीं पहुंचने दी। आशीष नेहरा का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वह अपनी टीम के खिलाड़ियों को अच्छा खाओ और पूरी नींद लो कहते हुए नजर आए। टीम की जीत बेहतरीन कोचों की अगुवाई में ही हो पाई है। कोच के शब्द साफ जाहिर करते हैं कि टीम पर किसी भी प्रकार का कोई दवाब नहीं था।