कोलकाता नाइट राइडर्स तथा लखनऊ सुपर जॉयट्स के बीच हुए इस मुकाबले में रिंकू सिंह का नाम अब हर जुबान पर है। आई पी एल 2022 के 66वें मुकाबले में रिंकू सिंह काफी चर्चा में बने रहे। रिंकू सिंह ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 15 गेंदों में दो चौकों और चार छक्कों की मदद से 40 रनों की तूफानी पारी खेली।
अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उसने टीम को जिताने का पूरा प्रयास किया तथा मैच लगभग बराबरी के स्कोर पर लाकर खड़ा कर दिया। अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत रिंकू सिंह ने दर्शकों की धड़कनों को रोक कर रख दिया। हर किसी ने रिंकू सिंह की बल्लेबाजी की तारीफ की।
आईपीएल में अपनी पहचान बनाने वाले खिलाड़ी के जीवन की कहानी कुछ और ही है। एक कड़े संघर्ष से गुजरने के बाद यह खिलाड़ी इस स्तर तक पहुंचा है। अलीगढ़ से संबंध रखने वाले रिंकू सिंह जी की कहानी कई युवा खिलाड़ियों को एक प्रेरणा देने का काम कर सकती हैं। उनके जीवन की कहानी मायूस होने वाले खिलाड़ियों के जीवन में एक नई ऊर्जा भर सकती हैं।
लखनऊ सुपर जॉयट्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए मुकाबले का अंतिम पल बहुत ही रोमांचक था। इस पल के हकदार सिर्फ रिंकू सिंह थे। रिंकू सिंह ने 15 गेदों पर दो चौकों और चार छक्कों की मदद से 40 रनों की पारी पारी खेलते हुए टीम की उम्मीदों को बनाए रखा। लेकिन वो टीम को जीत दिलाने में नाकामयाब रहे जो उनके लिए बहुत ही दुख -दायक था। फिर भी रिंकू सिंह ने लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली। उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए टीम को एक अच्छे मुकाम तक पहुंचाने का अपना पूरा प्रयास किया।
रिंकू सिंह की ताबड़तोड़ पारी देखकर केएल राहुल काफी परेशान नजर आ रहे थे।
रिंकू सिंह की ताबड़तोड़ पारी देखकर कप्तान केएल राहुल काफी परेशान नजर आए अंतिम ओवर में मार्कस स्टोइनिस की शुरुआती दोनों गेंदों पर उन्होंने शानदार दो लंबे छक्के लगाए इसके बाद लोकेश राहुल काफी चिंतित नजर आए उन्होंने मार्कस स्टोइनिस के पास जाकर लंबी वार्तालाप की जिसके बाद अगली ही गेंद पर रिंकू सिंह लेविस के शानदार कैच की वजह से आउट होकर पवेलियन लौट गए
रिंकू सिंह का परिवार एक साधारण परिवार है। उनके पाच बहन -भाई हैं। उनके पिता एक गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते है एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता है तथा दूसरा भाई कोचिंग सेंटर में काम करके अपना गुजारा करता है। पढ़ाई में फिसड्डी रहे रिंकू सिंह नौवीं कक्षा में फेल हो गए। उनका ध्यान पढ़ने लिखने में बिल्कुल भी नहीं था। उनकी रूचि सिर्फ खेलकूद में थी। क्रिकेट उनका प्रिय खेल था। क्रिकेट खेलने के कारण उन्हें कई बार परिवार के सदस्यों की मार खानी पड़ी थी। लेकिन फिर भी उन पर कदम पीछे नहीं हटे और वह अपने लक्ष्य पर टिके रहे। अपने सपनों को नई उड़ान देने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखते रहे।
एक इंटरव्यू में अपने विचार साझा करते हुए रिंकू सिंह ने बताया कि 2012 में क्रिकेट खेलने के कारण उन्हें अपने पिताजी की मार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसी साल उन्होंने क्रिकेट में मोटरसाइकिल जीतकर अपने पिताजी के गुस्से को शांत कर दिया, शायद उनके पिता को अपने बेटे के सपनों का एहसास हो गया था, कि उनका बेटा एक बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता है फिर कभी उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा होने से नहीं रोका।
आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से करनी पड़ी थी नौकरी
जिंदगी की कठिन परिस्थितियों में कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ता है। ऐसा ही कुछ रिंकू सिंह के साथ हुआ। जीवन यापन करने के लिए उन्होंने जब अपने भाई को नौकरी दिलाने के लिए कहा तो उन्हें झाड़ू पोछा लगाने का काम दिया गया। जिसे छोड़कर वह वापिस आ गए तथा क्रिकेट में अपना भविष्य बनाने का फैसला किया।
इंडियन प्रीमियर लीग में भी 5 सालों तक करना पड़ा था लंबा संघर्ष
सपने देखना बहुत आसान होता है लेकिन सपनों को पूरा कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। परंतु दृढ़ निश्चय और कठिन परिश्रम के आगे हर सपने को पूरा किया जा सकता है। यह बात रिंकू सिंह ने साबित कर दी। एक खिलाड़ी को कभी हार नहीं माननी चाहिए उसे अपने अंतिम पल तक प्रयास करना चाहिए। रिंकू सिंह की आईपीएल में दस्तक 2017 में हुई। आईपीएल नीलामी में रिंकू सिंह को सबसे पहले पंजाब किंग्स ने 10 लाख रूपये मे खरीदा, लेकिन उस साल में एक भी मैच नहीं खेल पाए। 2018 में उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख मे खरीदा और तब से रिंकू सिंह टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।