इस खिलाड़ी ने अपनी कमजोरी को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना डाला

इस खिलाड़ी ने अपनी कमजोरी को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बना डाला 

जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं B. S Chandrasekhar. स्पिन के जादूगर के जादूगर कहे जाने वाले बी एस चंद्रशेखर आज अपना  77 वां जन्मदिन मना रहे हैं भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर वी एस चंद्रशेखर क्रिकेट की एक जानी-मानी हस्ती रहे हैं उन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर में 58 टेस्ट मैचों में 29.57 की औसत से 242 विकेट हासिल किये

कमजोरी के बाद भी रचा इतिहास:

भारत को चौथा टेस्ट में अपने दम पर जिताने वाले चंद्रशेखर का जन्म 17 मई 1945 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ उन्होंने 98 विकेट अपने नाम किये 14 टेस्ट मैचों में से पांच टेस्ट उन्होंने विदेशी धरती पर खेलें और 42 विकेट अपने नाम किये बचपन में ही पोलियो का आघात उन पर हुआ इसके कारण उनकी दाहिनी बाजू कम काम करने लगी लेकिन संघर्ष के आगे कमजोरियां कहां टिक पाती हैं चंद्रशेखर ने अपने हौसलों को टूटने नहीं दिया इस कमजोरी को अपनी ताकत बना दिया।

उनकी गेंदबाजी को समझना विपक्षी खिलाड़ियों के लिए था नामुमकिन:

उनकी कलाई के ज्यादा मुड़ने के कारण बाकी स्पिनरो से काफी अलग बन गए उनकी इस गेंदबाजी के कारण विपक्षी खिलाड़ियों के हौसले पस्त हो जाया करते थे उनकी गेंदबाजी को समझना बहुत कठिन था एक इंटरव्यू के दौरान चंद्रशेखर ने कहा था उनके स्वयं के लिए ही उनकी गेंदबाजी को समझना बहुत मुश्किल है तो आप सोच सकते हैं कि विपक्ष के खिलाड़ियों के लिए उनकी गेंदबाजी का सामना करना कितना मुश्किल रहा होगा उस समय भारतीय स्पिन डिपार्टमेंट चंद्रशेखर, विशन सिंह बेदी, प्रसना और वेंकटराघवन के हाथों में था चंद्रा की बाउंसी रौनक के बाद तेज गुगली  बहुत ही शानदार थी  उनकी गेंदबाजी के समय बल्लेबाजों के लिए एक विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। 

भारत को पहला टेस्ट मैच जिताने वाले थे चंद्रशेखर :

क्रिकेट जगत में अपनी गेंदबाजी की बदौलत कई बार मैच की दिशा ही बदल दी अपनी गेंदबाजी के कारण चंद्रशेखर ने कई मैचों को इतिहास का यादगार मैच बना दिया ऐसा ही एक मैच 1971 में ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ हुआ इस मैच में चंद्रशेखर ने 38 रन देकर छह विकेट लिए थे उनकी धुआंधार गेंदबाजी के कारण इंग्लैंड टीम को 101 रन पर ही अपनी पारी समेटनी पड़ी इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में भारत की झोली में जीत डालने का श्रेय सिर्फ चंद्रशेखर को है उनके जैसा आक्रामक गेंदबाज होने के कारण ही वह टेस्ट मैच हम अपने नाम कर पाए थे

कंगारू भूमि ऑस्ट्रेलिया पर चंद्रशेखर की गेंदबाजी ने जीता या पहला टेस्ट :

1978 के मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में उन्होंने 104 रन देकर 12 विकेट लेते हुए एक धुआंधार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया उनके कुछ अविस्मरणीय पल भुलाई नहीं जा सकते जो उन्हें एक महान बल्लेबाज बनाते हैं ऑस्ट्रेलिया की भूमि पर उन्होंने पहली और दूसरी पारी में केवल 52 रन देकर छह विकेट ले लिए थे उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत कंगारू भूमि पर भारत अपना पहला टेस्ट मैच जीत पाया।