पूर्व कप्तान कपिल देव का मानना है कि टीम इंडिया में अब जगह बनाना इतना आसान नहीं है। एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद है। ऐसे में कई बार बड़े खिलाड़ियों को आराम दिया जाता है। रविचंद्र अश्विन बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी जब टेस्ट टीम के प्लेइंग इलेवन से बाहर हो चुके हैं तो विराट कोहली को भी T20 मुकाबले से बाहर कर दिया जाए तो कोई हैरानी वाली बात नहीं है। भारत को पहली बार विश्व चैंपियन बनाने वाले इस हरफनमौला कप्तान का मानना है कि अगर भारतीय टीम प्रबंधन शानदार लय में चल रहे खिलाड़ियों को अपने कौशल के प्रदर्शन के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देगा तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी।
कपिल ने कहा कि अगर आप टेस्ट के दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज अश्विन को टीम से बाहर बैठा सकते है तो विश्व का नंबर एक खिलाड़ी भी बाहर बैठ सकता है। कपिल ने कहा कि मैं चाहता हूं कि कोहली रन बनाए। विराट कोहली उस तरह से नहीं खेल पा रहे हैं जिस प्रकार का खेल हम देखने की इच्छा रखते हैं। हम जानते हैं कि अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने अपना नाम कमाया है लेकिन नाम से कुछ नहीं होता आपको रन बनाने ही पड़ेंगे। नाम के सहारे आप कब तक टीम में बने रह सकते हो।
अगर वह प्रदर्शन नहीं करेंगे तो नए खिलाडिय़ों को आप बाहर नहीं रख सकते है। भारत के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि वह चाहते है कि कोहली और युवा खिलाड़ियों में टीम में जगह के लिए अच्छी प्रतिस्पर्धा हो। सिर्फ नाम के आधार पर किसी को टीम में जगह देकर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मैदान से बाहर नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने कहा कि बेहतरीन प्रदर्शन के लिए एक शुद्ध प्रतिस्पर्धा की जरूरत होती है उसके लिए नए खिलाड़ियों को ऐसा प्रदर्शन करना चाहिए जिससे कि विराट कोहली के लिए चीजें बहुत मुश्किल हो जाए और उन्हें टीम में जगह हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। दूसरी तरफ विराट कोहली को टीम में अपनी परफॉर्मेंस को सुधारते हुए इस तरह वापसी करनी चाहिए कि नए खिलाड़ियों को अपना स्तर और ऊंचा उठाना पड़े।
मैं चाहता हूं कि दोनों में अच्छी प्रतिस्पर्धा हो। विराट को इस तरह से सोचना चाहिए कि वह एक समय टीम के शीर्ष बल्लेबाज थे और इस टीम में भी उन्हें ऐसा ही करना है।
कपिल ने कहा कि वेस्टइंडीज दौरे से विराट का ‘विश्राम’ लेना उनके लिए टीम से ‘बाहर’ होना माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप चाहे तो इसे विश्राम कह ले या फिर टीम से बाहर होना कह सकते है। हर किसी के विचार अलग-अलग हो सकते हैं। अगर चयनकर्ताओं ने उनका चयन नहीं किया है तो इससे साफ जाहिर है कि बड़े खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर पाने में असमर्थ हैं।
कपिल ने कहा कि अंतिम एकादश का चयन मौजूदा फॉर्म के आधार पर किया जाना चाहिए न कि पहले के प्रदर्शन के आधार पर। उन्होंने कहा कि जब आपके पास बहुत सारे विकल्प हों, तो लय में चल रहे खिलाड़ियों को मौका दे। आप केवल प्रतिष्ठा के आधार पर नहीं जा सकते। आपको मौजूदा फॉर्म के आधार पर चयन करना होगा। आप एक स्थापित खिलाड़ी हो सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लगातार 5 मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भी आपको लगातार मौके मिलते रहेंगे। ऐसा करने का मतलब है कि आप बेहतरीन खिलाड़ियों को नहीं दे पा रहे हैं और उनका करियर खत्म कर रहे हैं। यह किसी भी स्थिति में एक टीम के लिए भी अच्छा नहीं है।