पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव के अनुसार जिस तरह से T20 क्रिकेट लीग की लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ रही है। स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है कि वनडे और टेस्ट मैच खतरे में है। समय रहते ICC को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने क्रिकेट के इन दोनों फॉर्मेट को बचाने के लिए ICC को सुझाव दिया है।
भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और इंग्लैंड में पहले से ही इंटरनेशनल स्तर की टी-20 लीग का आयोजन हो रहा है। अगले साल से यूएई और दक्षिण अफ्रीका में भी इस तरह की टी-20 लीग शुरू हो जाएगी। ऐसे में वनडे और टेस्ट मैच के भविष्य को बचाने के लिए कई क्रिकेट दिग्गज आगे आए हैं। इनमें से पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव भी शामिल है। उन्होंने ICC से गुजारिश की है कि वनडे और टेस्ट फॉर्मेट को बचाने के लिए सही दिशा में कार्य करें।
T20 लीग की बढ़ती लोकप्रियता :
T 20 लीग की लोकप्रियता और बढ़ते प्रभाव का अंदाजा इस चीज से लगाया जा सकता है कि कई क्रिकेट खिलाड़ियों ने, व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल का हवाला देकर अचानक वनडे क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। इसमें बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2023 में होने वाली वनडे सीरीज सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी, क्योंकि उसकी तारीख क्रिकेट साउथ अफ्रीका की प्रस्तावित टी-20 लीग से टकरा रही थी।
टेस्ट-वनडे को बचाने के लिए ICC आगे आए: कपिल
ICC खिलाड़ियों ने खिलाड़ियों के वर्क लोड को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए खुद जिम्मेदारी उठाने की बजाय, उसकी जिम्मेदारी को सदस्य देशों पर डाल दिया हैं। ऐसे में घरेलू और द्विपक्षीय क्रिकेट के बीच संतुलन स्थापित नहीं हो पा रहा है। लेकिन कपिल देव का मानना है कि इसे मैनेज करने की बड़ी जिम्मेदारी ICC पर है। पूर्व कप्तान कपिल देव ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा, ‘क्रिकेट फुटबॉल के रास्ते पर चल पड़ा है। टी-20 लीग के बढ़ते प्रभाव के बीच ICC को वनडे और टेस्ट को बचाने की कोशिश करनी चाहिए।’
‘फुटबॉल की राह पर है क्रिकेट’
कपिल देव ने आगे कहा, ‘फुटबॉल में FIFA वर्ल्ड कप 4 साल बाद होता है। फुटबॉल खेलने वाले देश एक-दूसरे के खिलाफ उतना नहीं खेलते, जितना क्रिकेट में होता है। खिलाड़ियों का फोकस अपने क्लब पर रहता है और वो सिर्फ वर्ल्ड कप खेलते हैं।’
कपिल देव के अनुसार अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए कोई जगह नहीं बचेगी और खिलाड़ी सिर्फ वर्ल्ड कप तक सीमित रह जाएंगे। बाकी समय खिलाड़ी IPL जैसी टी20 क्रिकेट लीग खेलते रहेंगे। ICC को आगे आकर यह जिम्मेदारी उठानी ही होगी सिर्फ क्लब क्रिकेट और T20 लीग ही नहीं बल्कि टेस्ट और वनडे के फॉर्मेट को भी बचाना होगा।