पिंक आर्मी के मैच हारने के क्या कारण रहे 14 साल बाद भी क्यों नहीं मिल पाई ट्रॉफी
इंडियन प्रीमियर लीग का अंतिम मुकाबला राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच गुजरात कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद में संपन्न हुआ। गुजरात टाइटंस ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए चैंपियनशिप अपने नाम कर ली। दूसरी तरफ 14 साल के लंबे वनवास के बाद भी राजस्थान रॉयल्स पीछे रह गई। आईपीएल फाइनल में अपनी जगह बनाने के बाद भी राजस्थान रॉयल्स ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा नहीं कर पाई।
पूरे टूर्नामेंट में पिंक आर्मी छाई रही। लगातार संघर्ष के चलते हुए पिंक आर्मी ने फाइनल में अपनी जगह बना ली। राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी शानदार रहा जिसके बदौलत है बाकी की टीमों को पछाड़ते हुए फाइनल तक पहुंचे। फिर भी टीम में कहीं ना कहीं कुछ कमी रह गई जो टीम की हार का वजह बनी। आइए हम जानते हैं कि कौन से ऐसे कारण है जो राजस्थान रॉयल्स के मंजिल इतना करीब पहुंचने के बाद भी सपना पूरा नहीं हो पाया।
राजस्थान रॉयल्स की नैया डुबाने में पहला नाम संजू सैमसन का रहा। अपने आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाने वाले संजू सैमसन फाइनल मुकाबले में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। टॉस जीतकर बल्लेबाजी का लिया गया उनका फैसला सही साबित नहीं हुआ। संजू सैमसन फाइनल में कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए। उम्मीद थी कि संजू सैमसन एक बड़ा स्कोर खड़ा करेंगे और टीम का आत्मविश्वास बनाए रखेंगे लेकिन टीम की उम्मीदों पर पानी फिर गया संजू सैमसन का प्रदर्शन सही नहीं रहा वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। टीम के मुश्किल समय में सैमसंन को अपनी सूझबूझ से एक अच्छा मुकाबला खेलने की जरूरत थी क्योंकि टीम के टॉप ऑर्डर के और मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। ऐसे हालातों में संजू सैमसन अपना विकेट बहुत ही आसानी से गवा बैठे। कुल 14 रन बनाकर वह पवेलियन को लौट गए। उनके कुछ फैसले टीम के लिए घातक साबित हुए। जो टीम की हार का वजह बन गए।
राजस्थान रॉयल्स के दूसरे बल्लेबाज शिमरोन हेटमायर अपनी आक्रामक हिटिंग बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। हेटमायर हमेशा मुश्किल परिस्थितियों में टीम को उबारते नजर आए हैं। लेकिन फाइनल मुकाबले के दौरान सब कुछ इसके विपरीत ही दिखाई दिया। जब टीम को उनसे एक के जबरदस्त पारी की उम्मीद थी ऐसे में उनसे निराशा ही हासिल हुई। लगभग इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान उनका बल्ला शांत ही रहा। किसी भी टीम के बेहतरीन बल्लेबाजों का अगर यही हाल रहता है तो टीम की हार निश्चित रूप से तय है। शिमरोन हेटमायर 11 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 12 रन बना कर चलते बने। मुकाबले के दौरान उनका बल्ला तो शांत रहा ही उसके साथ साथ इस खिलाड़ी ने फील्डिंग के दौरान भी काफी गलतियां की जिससे मैच का रुख बदल सकता था। यहां से राजस्थान रॉयल की नैया डगमगाने लगी थी। रियान पराग और आर अश्वनी के बल्ले भी कोई प्रदर्शन नहीं दिखा पाए। शिमरोन हेटमायर ने दो कैच छोड़ें, यह दोनों कैच इतने महत्वपूर्ण थे कि मैच का रुख एक अलग ही दिशा में जा सकता था। खराब प्रदर्शन के कारण शिमरोन हेटमायर खुद ही अपनी टीम के लिए एक विलेन साबित हो गए।
पूरी आईपीएल सीजन में अपनी गेंदबाजी से धमाल मचाने वाले चहल एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं। फाइनल मुकाबले के दिन यूज़वेंद्र चहल की गलतियां टीम पर भारी पड़ गई। पिछले दो -तीन मैचों में उनका प्रदर्शन खराब चल रहा था। ऐसे में उम्मीद थी कि फाइनल में वह अपने आक्रामक गेंदबाजी का प्रदर्शन करेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। यूज़वेंद्र चहल की पावर प्ले की फील्डिंग ने टीम को काफी निराश किया। वह एक बेहतरीन खिलाड़ी है इसमें कोई शक नहीं है लेकिन फाइनल मैच के दौरान उनकी प्रतिभा कुछ फीकी दिखाई दी। चहल ने कप्तान हार्दिक पांड्या की विकेट ली। गुजरात टाइटंस के 45 रन बनाने वाले शुभ्मन गिल ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर पहले ही पवेलियन को लौट जाते लेकिन यूज़वेंद्र चहल से उनका कैच छोड़ा जाना एक बड़ी गलती साबित हुआ। इस विकट को न ले पाने का खामियाजा पूरी टीम को अंत तक भुगतना पड़ा। ऐसा बोलने में कोई गलती नहीं होगी कि टीम के अंदर काफी गलतियां हुई जो एक-एक करके टीम की हार का वजह बन गई।