1986 का वह मैच जिसकी यादें आज भी सोने नहीं देती, आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर पाकिस्तान ने दी थी भारत को शिकस्त

कपिल देव

भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने भारत और पाकिस्तान के बीच
लेकर पुरानी यादें ताजा करते हुए बताया कि, 1986 के मैच की जो घटना थी उसने भारतीय टीम की विश्वास को हिला कर रख दिया था। अगले 4 साल तक टीम उस हादसे से उबर नहीं पाई थी।

भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट जगत को लेकर सभी वाकिफ है। चाहे कोई भी प्रतियोगिता हो जब दोनों टीमों की भिड़ंत होती है तो प्रशंसकों का रोमांच एवं उत्साह कुछ अलग ही होता है। दोनों देशों के राजनीतिक टकराव के कारण कई सालों से बाइलेटरल सीरीज बंद है। इसलिए फैंस को मल्टीनेशनल टूर्नामेंट का इंतजार रहता है।

पाकिस्तान की भिड़ंत को याद आ जाता है तो प्रशंसकों को 1986 का मुकाबला जरूर याद आता है। इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी गेंद में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस मैच में जावेद मियांदाद ने आखिरी गेंद पर चेतन शर्मा को छक्का मारकर पाकिस्तान को रोमांचक जीत दिलाई थी। इस हार को फैंस के साथ-साथ उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव भी ताउम्र भूल नहीं पाए।

कपिल देव

स्टार स्पोर्ट्स के शो में बातचीत के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि वह हार ऐसी थी जिसे भारतीय टीम 4 साल तक भुलाने में कामयाब नहीं हो पाई। इस बातचीत में कपिल देव के साथ वसीम अकरम भी मौजूद थे। अकरम भी उस मैच में खेल रहे थे। अकरम ने कहा कि उस मैच में टीम इंडिया 270 तक पहुंच सकती थी लेकिन मैंने 3 जल्दी विकेट चटका कर भारतीय टीम को 245 रनों पर समेट दिया।

उस मैच के आखिरी ओवर को याद करते हुए कपिल देव ने कहा कि ‘जब आखिरी ओवर आया, हम चेतन के पास गए। मुझे आज भी लगता हैं कि वह गलती नहीं थी। आखिरी गेंद पर उन्हें 4 रन की जरुरत थी और हमने निर्णय किया कि यह लो-यॉर्कर होगी क्योंकि और कोई विकल्प नहीं था। उसने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन यह एक लो-फुल टॉस गेंद थी और मियांदाद ने छक्का लगाकर मैच जीता दिया। आज भी उस मैच की याद हमें सोने नहीं देती। उस हार ने अगले चार साल टीम के विश्वास को पूरी तरह से हिला कर रख दिया। वहां से वापस लौटना मुश्किल था।’

सुनील गावस्कर

उस मैच की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सुनील गावस्कर के 92, कृष्णमाचारी श्रीकांत के 75 और दिलीप वेंगसरकर के 50 रनों की पारी के दम पर 50 ओवर में 7 विकेट पर 245 रन बनाए थे। 246 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने जावेद मियांदाद के नाबाद 116 रनों की पारी के दम पर आखिरी गेंद पर मुकाबला 1 विकेट से अपने पक्ष में कर लिया था।



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