T20 World Cup 2007: कैप्टन कूल की अगुवाई में आज ही के दिन युवा लड़ाको ने भारत को बनाया था विश्व चैंपियन

टी20 विश्व कप 2022 का समय काफी नजदीक आ चुका है। ऐसे में हर टीम अपनी तैयारियों को बेहतरीन रूख देने में लगी हुई है। भारतीय टीम भी आस्ट्रेलिया के खिलाफ हो रही T20 सीरीज में अपनी तैयारियों के निरीक्षण में लगी हुई है।

भारतीय टीम ने 2007 में T20 विश्व कप जीता था। अब भारतीय टीम फिर से वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना संजोए हुए है। काफी लंबे समय से भारतीय टीम इस सपने को साकार करने में लगी हुई है लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई है। 15 साल पहले आज ही का दिन वह स्वर्णिम पल था जब पाकिस्तान को मात देकर भारत ने 2007 का टी20 विश्व कप अपने नाम किया था। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने यह खिताब हासिल किया था अब रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम चाहे तो एक बार फिर से यह इतिहास दोहरा सकती है।

2007 विश्व टी-20


2007 के विश्व कप के दौरान भारतीय टीम में अधिकतर युवा चेहरे मैदान में उतरे थे। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे स्टार खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट में नहीं खेलने का फैसला किया था। दरअसल भारत ने 2007 टी-20 विश्व कप से पहले केवल एक टी20 मैच ही खेला था। ऐसे में भारतीय टीम के इस खिताबी जीत को लेकर किसी ने कोई उम्मीद भी नहीं जताई थी


भारतीय टीम BCCI के द्वारा चयनित महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में इस टूर्नामेंट में उतरी थी। कैप्टन कूल ने टीम की बागडोर संभाली और भारत ने 1983 विश्व कप के बाद सबसे बड़ी जीत दर्ज की।
भारतीय टीम में शामिल युवा चेहरे इसी साल वनडे विश्व कप में भारत को बांग्लादेश के खिलाफ
जीत दिलाने में नाकामयाब हो गए थे। भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी ऐसे में क्रिकेट प्रशंसकों को निराशा का सामना करना पड़ा था। युवा टीम उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी थी।

गौतम गंभीर

भारतीय टीम टूर्नामेंट में लगातार आगे बढ़ती गई और क्रिकेट प्रशंसकों का उत्साह बना रहा।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को शिकस्त देते हुए फाइनल मुकाबले में अपनी जगह निश्चित की। फाइनल मुकाबले में गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 75 रन बनाए और भारतीय टीम ने पाकिस्तान टीम के सामने 158 रनों का लक्ष्य रखा।


लक्ष्य का पीछा करने मैदान में उतरी पाकिस्तानी टीम को शुरुआती झटका लगा जब पहले ही ओवर में टीम के मुख्य बल्लेबाज मोहम्मद हफीज आउट हो गए। इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे और पाकिस्तान की टीम लड़खड़ा गई।

पाकिस्तान की लड़खड़ाती टीम को मिस्बाह-उल-हक ने संभाला उन्होंने शानदार पारी खेली। अपनी आक्रामक पारी की बदौलत है पाकिस्तान टीम को एक मजबूत मुकाम तक ले कर गए। उनकी इस बेहतरीन पारी से यह मैच और रोमांचक हो गया था , लेकिन आखिरी ओवर में वह आउट हो गए और भारत ने इस मुकाबले में 5 रन से जीत दर्ज की। इसके बाद धोनी की कप्तानी में ही भारत ने 2011 विश्व कप भी जीता।


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